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छोटा जादूगर | Chota Jadugar | Class 10 Hindi | Lesson 2 | Class 10 Hindi Answer Lesson 2

छोटा जादूगर | Chota Jadugar | Class 10 Hindi | Lesson 2 | Class 10 Hindi Answer Lesson 2

छोटा जादूगर | Chota Jadugar | Class 10 Hindi | Lesson 2 | Class 10 Hindi Answer Lesson 2


छोटा जादूगर | Chota Jadugar | Class 10 Hindi | Lesson 2 | Class 10 Hindi Answer Lesson 2: छोटा जादूगर  (Chota Jadugar) Class 10 की हिंदी NCERT पाठ्यपुस्तक आलोक भाग 2 का अध्याय है । छोटा जादूगर (Chota Jadugar) जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखा गया है। यहां आपको कक्षा 10 हिंदी अध्याय 2 छोटा जादूगर का प्रश्न उत्तर पढ़ने को मिलेगा।



छोटा जादूगर Chota Jadugar Class 10 Hindi HSLC SEBA Questions Answers


अभ्यासमाला


प्रश्न 1. सही विकल्प का चयन करो


(क) बाबु जयशंकर प्रसाद का जन्म हुआ था ?

(अ) काशी में ।

(आ) इलाहाबाद में।

(इ) पटना में ।

(ई) जयपुर में ।

उत्तर : (अ) काशी में ।


(ख) जयशंकर प्रसाद जी का साहित्यिक जीवन किस नाम से आरंभ हुआ था ?

(अ) 'विद्याधर' नाम से।

(आ) 'कलाधर' नाम से

(इ) 'ज्ञानधर' नाम से।

(ई) 'करुणाधर' नाम से।

उत्तर: (आ) 'कलाधर' नाम से ।


(ग) प्रसाद जी का देहवसान हुआ

(अ) 1935 ई. में।

(आ) 1936 ई. में।

(इ) 1937 ई. में।

(ई) 1938 ई. में।

उत्तर: (इ) 1937 ई.


(घ) कार्निवाल के मैदान में लड़का चुपचाप किनको देख रहा था ?

(अ) चाय पीने वालों को।

(आ) मिठाई खाने वालों को ।

(इ) गाने वालों को ।

(ई) शरबत पीने वालों को।

उत्तर : (ई) शरबत पीने वालों को ।


(ङ) लड़के को जादुगर का कौन-सा खेल अच्छा मालूम हुआ ?

(अ) खिलौने पर निशाना लगाना।

(इ) तीर से नम्बर छेदना।

(आ) चूड़ी फेंकना।

(ई) ताश का खेल दिखाना।

उत्तर : (अ) खिलौने पर निशाना लगाना ।


प्रश्न 2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :


(क) जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रथम कहानी का नाम क्या है ?

उत्तर : जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रथम कहानी का नाम 'ग्राम' है।


(ख) प्रसाद जी द्वारा विरचित महाकाव्य का नाम बताओ ?

उत्तर: प्रसाद जी द्वारा विरचित महाकाव्य है कामायणी ।


(ग) लड़का जादूगर को क्या समझता था ?

उत्तर: लड़का जादूगर को निकम्मा समझता था ।


(घ) लड़का तमाशा देखने पर्दे में क्यों नहीं गया था ?

उत्तर: लड़का तमाशा देखने पर्दे में इसलिए नहीं गया क्योंकि उसके पास टिकट के पैसे नहीं थे।


(ङ) श्रीमान ने कितने टिकट खरीद कर लड़के को दिए थे ?

उत्तर: श्रीमान ने बारह टिकट खरीदकर लड़के को दिए थे।


(च) लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय किस प्रकार दिया था ?

उत्तर: लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय 'छोटा जादूगर' के रूप में दिया था।


(छ) बालक (छोटा जादूगर) को किसने बहुत ही शीघ्र चतुर बना दिया था ?

उत्तर: बालक को ग़रीबी पन और आवश्यकताओं ने बहुत ही शीघ्र चतुर बना दिया था।


(ज) श्रीमान कोलकाता में किस अवसर की छुट्टी बिता रहे थे ?

उत्तर: श्रीमान कोलकाता में बड़े अवसर की छुट्टी बिता रहे थे।


(झ) सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समय छोटे जादूगर की वाणी में स्वभावसुलभ प्रसन्नता की तरी क्यों नहीं थी ?

उत्तर: सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समय छोटे जादूगर की वाणी में स्वभावसुलभ प्रसन्नता की तरी इसलिए नहीं थी क्योंकि उसकी मां ने उसे कहा है कि "आज तुरंत घर चले आना। मेरी घड़ी समीप है ।"


(ञ) मृत्यु से ठीक पहले छोटे जादूगर की माँ के मुँह से कौन सा अधुरा शब्द निकला था ?

उत्तर : मृत्यु के ठीक आगे उसके माँ के मुँह से "बे... जैसे अधुरा शब्द निकला था।




Class 10 Hindi Chapter 2 Questions Answers

प्रश्न 3. अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग २५ शब्दों में):


(क) बाबू जयशंकर प्रसाद की बहुमुखी प्रतिभा का परिचय किन क्षेत्रों में मिलता है ?

उत्तर: बाबू जयशंकर प्रसाद जी की बहुमुखी प्रतिभा का परिचय कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास, निबंध और आलोचना के क्षेत्र में अमर लेखनियों में मिलता है।


(ख) श्रीमान ने छोटे जादूगर को पहली भेंट के दौरान किस रूप में देखा था ?

उत्तर: श्रीमान ने छोटे जादूगर को एक शरबत वाले की ओर उसे देखता हुआ पाया। उसके गले में फटे कुरते के ऊपर एक मोटी- सी सूत की रस्सी पड़ी थी और जेब में कुछ ताश के पत्ते थे। जिसके मुंँह पर गंभीर दर्द के साथ धैर्य भी था और जिसके अभाव में भी सम्पूर्णता थी।


(ग) "वहां जाकर क्या कीजिएगा ?" छोटे जादूगर ने ऐसा कब कहा था ?

उत्तर: जब श्रीमान छोटे जादूगर को पर्दे के उस पार टिकट खरीद कर ले जाने को तैयार हुए तब छोटे जादूगर ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि "वहां जाकर क्या कीजिएगा?"


(घ) निशानेबाज के रूप में छोटे जादूगर की कार्य-कुशलता का वर्णन करो ।

उत्तर: निशानेबाज के रूप में छोटा जादूगर एक पक्का निशानेबाज निकला। जिसका एक भी गेंद खाली नहीं गया। खिलौने गिराने के खेल में उसने बारह गेंदों में बारह खिलौने बटोर लिए।


(ङ) कोलकात्ते के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान-श्रीमती को छोटा जादूगर किस रूप में मिला था ?

उत्तर: कोलकाता के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान श्रीमती को छोटा जादूगर जादू दिखाने वाले एक कलाकार के रूप में मिला था। जिसके हाथ में चारखाने की खादी का झोला था। आधी बाँहों का कुरता, सिर पर रुमाल सूत की रस्सी से बंँधा हुआ, जो मस्तानी चाल से झूमता हुआ उनकी ओर आ रहा था।


(च) कोलकात्ते के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को 'लड़के!' कहकर संबोधित किया, तो उत्तर में उसने क्या कहा ?

उत्तर: कोलकाता के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को 'लड़के!' कहकर संबोधित किया, तो उत्तर में छोटे जादूगर ने कहा कि "छोटा जादूगर कहिए। यही मेरा नाम है। इसी से मेरी जीविका है।"


(छ)"आज तुम्हारा खेल जमा क्यों नहीं ?"- इस प्रश्न के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या कहा ?

उत्तर: इस प्रश्न के उत्तर में छोटे जादूगर ने कहा कि "मांँ ने कहा है कि आज तुरंत चले आना। मेरी घड़ी समीप है।"इस बात को लेकर वह अंदर ही अंदर दुखी था। जिसके कारण खेल जमा नहीं।




छोटा जादूगर Chota Jadugar Class 10 Hindi Aalok Bhag 2 Important Questions Answers HSLC SEBA 

प्रश्न 4. संक्षिप्त उतर दो (लगभग ५० शब्दों )


(क) "क्यों जी, तुमने इसमें क्या देखा?"- इस प्रश्न का उत्तर छोटे जादूगर ने किस प्रकार दिया था?

उत्तर: श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को शरबत वाले को गंभीर भाव से देखते हुए देखा तो श्रीमान ने प्रश्न किया कि "क्यों जी, तुमने इसमें क्या देखा?" इसका तुरंत उत्तर देते हुए छोटे जादूगर ने कहा कि उसने सब देखा है, कि यहांँ चूड़ी फेंकते हैं। खिलौने पर निशाना लगाते हैं। तीर से नंबर छेदते है। और उसे खिलौने पर निशाना लगाना सबसे अच्छा लगता है। उसने यह भी कहा कि उसे बड़े जादूगर निकम्मे लगते हैं। उन बड़े जादूगर से अच्छा ताश का खेल वह खुद दिखा सकता है।


(ख) अपने मांँ-बाप से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या-क्या कहा था?

उत्तर: शरबत पीकर दोनों जब निशाने लगाने चले तब रास्ते में ही श्रीमान ने छोटे जादूगर को उसके माता पिता से संबंधित प्रश्न पूछना आरंभ किया। उसके उत्तर में उसने बताया कि उसके बाबूजी देश के लिए जेल में हैं और उसकी माँ बीमार है। और वह यहांँ तमाशा देखने नहीं बल्कि दिखाने आया है। तमाशा दिखा कर उनसे कुछ पैसे कमाकर अपनी मां को देना चाहता है। छोटे जादूगर ने श्रीमान से यहांँ तक कह दिया था कि शरबत ना पिलाकर अगर उसका खेल देखकर उसे कुछ पैसे दे दिए होते तो वह अधिक प्रसन्न होता।


(ग) श्रीमान ने तेरह-चौदह वर्ष के छोटे जादूगर को किसलिए आश्चर्य से देखा था?

उत्तर: श्रीमान द्वारा किए गए प्रश्नों के उत्तर मैं जब छोटे जादूगर ने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा कि, वह तमाशा देखने नहीं बल्कि दिखाने आया है। तमाशा दिखाकर उनसे जो पैसा इकट्ठा होगा उससे वह अपनी मांँ के लिए दवा खरीदेगा और बाकी बचे पैसे अपनी मांँ को दे देगा। उसने सीधे शब्दों में श्रीमान से कह दिया था कि वे अगर शरबत ना पिलाकर उसके बदले उसका खेल देखकर कुछ पैसे दे देते तो वह ज्यादा खुश होता। छोटी सी उम्र में उसकी ऐसी बातें और मां के प्रति सेवा को देखकर श्रीमान आश्चर्य से छोटे जादूगर को देख रहे थे।


(घ) श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने किस प्रकार अपना खेल दिखाया?

उत्तर: श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने कार्निवल में जीते गए खिलौनों को बाहर निकाला और एक- एक करके सारे खिलौने से वह अपने हाथों और मुंँह से अभिनय करके दिखाने लगा। जिसमें भालू का मनाना, बिल्ली का रूठना, बंदर का घुड़कना, यहां तक गुड्डा गुड्डी का ब्याह तक शामिल था। मसालेदार कहानी द्वारा किए गए अभिनव से सारा माहौल मनोरंजन से भर गया था। इसके अलावा उसने जादू से भी सबका दिल बहलाया। ताश के पत्तों से फटाक से रंग बदल देता,  टुकड़े-टुकड़े रस्सी को जोड़ देता और लड्डू को इस प्रकार घुमाता की वह अपने आप नाचने लगते।


(ङ) हवड़ा की ओर आते समय छोटे जादूगर और उसकी मांँ के साथ श्रीमान की भेंट किस प्रकार हुई थी?

उत्तर: हवड़ा की और आते समय श्रीमान उस छोटे जादूगर के बारे में ही सोच रहे थे कि झोपड़ी के पास कम्बल कांधे पर डाले खड़ा छोटा जादूगर उन्हें दिखाई दिया। श्रीमान ने उसे उसके वहांँ खड़े रहने का कारण पूछा तो उसने बताया कि अस्पताल वालों ने उसकी मांँ को निकाल दिया है और उसकी मांँ झोपड़ी में ही है। तब श्रीमान गाड़ी से उतरे और झोपड़ी में  देखा कि फटे पुराने कपड़ों में लदी छोटे जादूगर की मांँ काँप रही है। इस प्रकार छोटे जादूगर एवं उसकी मांँ से श्रीमान की भेंट हुई।


(च) सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर छोटा जादूगर किस मन:स्थिति में और किस प्रकार खेल दिखा रहा था?

उत्तर: सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर छोटा जादूगर उस दिन मानसिक तनाव में था। क्योंकि उसकी मांँ की तबीयत बहुत खराब हो गई थी। मांँ के द्वारा कहे गए वाक्य- "मेरी घड़ी समीप है" इस बात को लेकर वह अंदर ही अंदर दुखी था। वह प्रसन्नता का दिखावा करते हुए लोगों को हंसाने की चेष्टा कर रहा था। पर उसके शब्दों में प्रसन्नता की तरी नहीं थी। जब औरों को हंसाने का प्रयास करता तब वह स्वयं काँप जाता। मानो उसके रोए रो रहे हों। उसका मन दुखी होने के कारण उसके खेल में भी वह प्रसन्नता की झलक और दिनों के मुकाबले फीका था।


(छ) छोटे जादूगर और उसकी मांँ के साथ श्रीमान की अंतिम भेंट का अपने शब्दों में वर्णन करो।

उत्तर: श्रीमान ने छोटे जादूगर को दुखी होता हुआ देखा। कारण पूछने पर उसने कहा कि उसकी मांँ की तबीयत बहुत खराब है। वह मौत की अंतिम सांँसे गिन रही है। छोटे जादूगर के बातों को सुन श्रीमान ने उसे अपने गाड़ी में बिठाया और उसके झोपड़ी तक ले गया। गाड़ी से उतरते ही छोटे जादूगर दौड़कर  झोपड़ी में घुसा और अपनी मांँ को पुकारने लगा। उसके पीछे पीछे श्रीमान भी झोपड़ी के अंदर घूस चुके थे। बेटे की आवाज सुनकर मांँ के मुंँह से सिर्फ 'बे...' शब्द निकल कर रह गए। उसके दुर्बल हाथ बेटे की ओर बढ़े ही थे कि झटक से उसका हाथ नीचे गिर पड़ा और उसने अपने प्राण त्याग दिए। जादूगर अपनी मांँ से लिपट कर फूट-फूट कर रोने लगा। जिसको देख श्रीमान स्थिर रह गए और दुनिया मानो जादू की तरह उनकी आंँखों के चारों ओर नित्य करने लगे।




छोटा जादूगर Chota Jadugar Class 10 Hindi Aalok Bhag 2 Long Questions Answers HSLC SEBA 


प्रश्न 5. सम्यक उत्तर दो (लगभग १०० शब्दों में)


(क) बाबू जयशंकर प्रसाद की साहित्यिक देन का उल्लेख करो ।

उत्तर: कवि हृदय वाले जयशंकर प्रसाद मूलतः भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए था। आप छायावादी काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में प्रतिष्ठित हुई। आपकी काव्य रचनाएँ भारतीय साहित्य के अमूल्य देन माना जाता है। जैसे उर्वशी, वन मिलन, रामराज्य, अयोध्या का उद्धार, शोकोच्छवास, बभ्रुवाहन, कानन कुसुम, प्रेमपथिक, करुणालय, महाराणा का महत्व, झरना, आँसू (खण्डकाव्य), लहर, कामायनी (महाकाव्य) आदि है।


प्रसाद जी द्वारा रचित निम्नलिखित है-सज्जन कल्याणी-परिणय, प्रायश्चित, राजश्री, अजातशत्रु, जन्मेजय का नागयज्ञ, कामना, स्कन्दगुप्त आदि। चन्द्रगुप्त और ध्रुवस्वामिनी जैसे उपन्यास भी प्रसाद जी ने रचना की है। कंकाल, तितली और इरावती जैसे आपके निबंध हैप्रसाद जी ने लगभग सत्तर कहानियाँ लिखी है। छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आधी, इन्द्रजाल आपके कहानी संकलित है। प्राय कहानियों में चारित्रिक उदारता, प्रेम, करुणा, त्याग वलिदान, अतीत के प्रति मोह का भावात्मक समावेश हुआ। आपने समकालीन सामाजिक व्यवस्था, अन्याय शोषणता जैसे प्रतिवादी भावों का भी अभिव्यक्त किया ।


(ख) छोटे जादूगर के मधुर व्यवहार एवं स्वाभिमान पर प्रकाश डालो।

उत्तर : प्रसाद जी के छोटा जादूगर पाठ में एक तेरह-चौदह साल उम्र वाले लड़का को किस रूप में प्रतिष्ठित किया इस में प्रसाद जी के कार्यकुशलता परिस्फुट हुआ है। पाठ के आधार पर लड़के के माध्यम से उसके मधुर व्यवहार, स्वाभिमान सुन्दर रूप में दिखाया है। कर्नवाल के मैदान में जब बिजली जगमगाते रहते थे उस समय एक साधारण बालक अपने गंभीर भावों से, धैर्य के साथ एक कौने में चुपचाप खड़ा रहा। श्रीमान जी ने पूछने पर वह जितनी मधुर व्यवहार से उत्तर दिया, ऐसी व्यवहार उस उम्र वालों में आशा नहीं किया जा सकता। जैसे परदे में जाने के बारे में पूछने पर अत्यंत साधारण से जवाब दिया टिकट लगता है।


अपने माँ-बाप के परिचय बड़े स्वाभिमान से उत्तर दिया। बाप जेल में है लेकिन देश के लिए ही जेल में गया। चोरी के लिए नहीं। इसलिए वह बड़ा गर्व करते है इस बात पर | बाप जेल में हैं इस पर वह दुख अथवा लज्जा पाने का कोई कारण नहीं। उसी प्रकार अपने बिमारी माता के लिए जो कर्तव्य पालन किया इससे उसके मातृभक्ति परिस्कार हुआ। वह परिश्रम करके अपने माता को बड़े गर्व से सेवा करता है। परिश्रम में अर्थात खेल दिखाने में वह हमेशा प्रसन्नभाव से करते है। इसमें आपके मधुर व्यवहारों के साथ स्वाभिमान थी प्रकट हुआ।


(ग) छोटे जादूगर की चतुराई और कार्य कुशलता का वर्णन करो

उत्तर : छोटे जादूगर की मधुर व्यवहार के साथ चतुराई और कार्यकुशलता भी पाठ में प्रसाद जी ने बड़ी अच्छी से उपस्थापन किया श्रीमान जी ने लड़के को जब बारह टिकट खरीद कर दिया इससे बारह गेंद से बारह खिलोने पर निशाना लगाकर गिरा दिय और बटोर लिया। वास्तव में वह एक पक्का निशानेबाज है। अपनी चतुराई तथा मधुर व्यवहार से श्रीमानजी को आकर्षित किया। वह बड़ी कुशलता से झुले में हिन्दोल कर लोगों को भी आकर्षित किया। वही खिलोने को लेकर कलकत्ते के वोटानिकल उद्यान में जिस कुशलता से खेल दिखाया और सभी को अपनी कुशलता से सजीब बनाया। मानो ऐसा है कि लड़का का हाथों से सभी खिलोने प्राण पाया। इसके बाद छोटे जादूगर के कार्य कुशलता का प्रमाण मिलता है कि खेल दिखाकर पैसे से माँ को सेवा करने के लिए तत्पर है। इस प्रकार से हमे छोटे जादूगर के कार्य कुशलता का परिचय मिलता है।


(घ) छोटे जादूगर के देश-प्रेम और मातृ-भक्ति का परिचय दो

उत्तर : 'छोटा जादूगर प्रसाद जी की एक ऐसी मनोरम कहानी है, जिसमें आर्थिक विपन्नता और प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए तेरह-चौदह साल के एक लड़के के चरित्र को आदर्शात्मक रूप में उभारा गया है। परिस्थिति की माँग से एक बालक किस प्रकार अपने पाँवों पर खड़ा हो जाता है उसका यहाँ हृदयग्राही चित्रण हुआ है। छोटे जादुकर के रूप में प्रस्तुत बालक के मधुर व्यवहार, चतुराई, क्रिया कौशल, स्वाभिमान, देशप्रेम और मातृ-भक्ति से पाठक का मन सहज ही द्रवीभूत हो उठता है।


(ङ) छोटे जादूगर की कहानी से तुम्हें कौन-सी प्रेरणा मिलती है ?

उत्तर : छोटे जादूगर कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है कि जीवन में आर्थिक विपन्नता और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कभी हार नहीं मानना चाहिए। वरन उससे सामना करके अपने को प्रतिष्ठित करना चाहिए। परिश्रम से चरित्र बनता है। लड़का ही इसका उदाहरण हमे भी छोटे जादूगर के तरह मधुर व्यवहार, कुशलता से दूसरों को आकर्षित करने के कोशिश करना चाहिए। सच्चा कार्यों में हमें गर्व करना सीखना चाहिए। जिस प्रकार छोटे जादूगर ने किया। उसके बाप देश के लिए जेल में है। इसमें वह गर्व करते है। हमे भी उसी से स्वाभिमानी होना चाहिए। मातृ के प्रति जो कर्तव्य हमे भी पालन करना चाहिए। लड़का इसका उदाहरण होकर हमें शिक्षा देते हैं।



प्रश्न 6. सप्रसंग व्याख्या करो


(क) "मैं उसकी ओर न जाने क्यों आकर्षित हुआ। उसके अभाव में भी संपूर्णता थी।"

उत्तर : प्रस्तुत व्याख्या पंक्ति जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित छोटा जादूगर पाठ से लिया गया है। यहा लेखक प्रसाद जी ने छोटा जादूगर के प्रति श्रीमानजी किस प्रकार आकर्षित हुआ इसका उल्लेख किया है। व्याख्या के अनुसार (प्रसादजी कहा है कि एक श्रीमान जीने कर्निवाल मैदान में खेल देखने के लिए आते समय देखा कि एक तेरह-चौदह उम्रवाले लड़का छोटे फुहारे के पास चुपचाप खड़ा था। देखने मे गरीब तथा आँखों में उज्ज्वल गंभीर भावों के साथ धैर्य का स्पष्ट निशान था। देखने में लगा कि सम्पूर्ण अभावी लगता था। लेकिन लड़का का व्यवहार ने श्रीमानजी को आकर्षित किया। कभी किसी को सुन्दर चेहरे ने आकर्षण नहीं किया जाता है। यह आकर्षण ऐसे ही होता है जो आप या कोई नहीं जानता है। इससे हमे यह शिक्षा मिलती है कि विशेष रूप से अपने व्यवहार से ही किसी को आकर्षित किया जाता है। धन दौलत से नहीं।



(ख) “श्रीमती की वाणी में वह माँ की सी मिठास थी, जिसके सामने किसी भी लड़के को रोका नहीं जा सकता।"

उत्तर : प्रस्तुत व्याख्या जयशंकर प्रसाद के छोटा जादूगर कहानी से लिया गया है। यहाँ श्रीमती जी की प्यार भरा कथन से लड़का किस प्रकार खेल दिखाने के लिए प्रस्तुत हो गये इसका वर्णन दिया गया है


एक दिन श्रीमान अपनी पत्नी तथा दोस्तों के साथ वोटानिकल उद्यान में जलपान कर रहा था इतने में वही छोटा जादूगर पहुँच गया वहाँ पर लड़का ने बाबूजी को खेल दिखाना चाहता था लेकिन वह माना किया क्यों कि उस समय वे जलपान किया करते थे। फिर लड़का कुछ कहने पर श्रीमान जी ने गाली भड़ी। इस समय श्रीमतीजी ने बड़े प्यार से लड़के को खेल दिखाने को कहा। श्रीमती कहने पर लड़का बड़ा प्रफुल्लित हो गया। मानों ऐसा लगता है कि उसके माँ ने उसको प्यार भरी श्रीमती जी ने इतनी मिठास से कही थी कि ऐसी आदेश कोई भी नहीं कहेगा।



भाषा एवं व्याकरण ज्ञान


प्रश्न 1. सरल, मिश्र और संयुक्त वाक्यों को पहचानो


(क) कार्निवल के मैदान में बिजली जगमगा रही थी।

उत्तर : सरल वाक्य


(ख) माँजी बीमार है, इसलिए मैं नहीं गया।

उत्तर: संयुक्त वाक्य ।


(ग) मैं घूमकर पान की दुकान पर आ गया।

उत्तर: सरल वाक्य


(घ) माँ ने कहा है कि आज तुरंत चले आना।

उत्तर : मिश्र वाक्य |


(ङ) मैं भी पीछे था, किंतु स्त्री के मुँह से 'बे....' निकल कर रह गया।

उत्तर : मिश्र वाक्य |



प्रश्न 2. अर्थ लिखकर निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करो

उत्तर : (1) नौ दो ग्यारह होना (भाग हो जाना) पुलिस आते ही चोरों के दल नौ दो ग्यारह हो गया।

(2) आँखें बदल जाना (धीरे धीरे दूर होना) मनोज आजकल अपने दोस्तों से आँखे बदल जाने लगा।

(3) घड़ी समीप होना (मरने का समीप होना) बुढ़ा होने के कारण उसके घड़ी समीप आ गया है।

(4) दंग रह जाना (अचरज होना) छोटा जादूगर के खेल देखकर लोग दंग रह गया।

(5) श्रीगणेश होना ( प्रतिस्तित होना) मुख्यमंत्री जी ने आज दोपहर नयी पूल की श्रीगणेश किया।

(6) अपने पाँवों पर खड़ा होना (अपने आप प्रतिष्ठित होना) रमेश जी ने बचपन से परिश्रम करके आज अपने पाव पर सम्पूर्ण खड़ा हो गया।

(7) अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना (जान बुझक गलती करना) जो अपने को विश्वास नहीं रखते उसके कामों का फल भी अपने पाँ पर कुल्हाड़ी मारना जैसा होगा।



प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों के लिंग परिवर्तन करो

रस्सी, जादूगर, श्रीमान, वर, स्त्री, नायक, माली

उत्तर : रस्सी - रस्सा (नश ) 

जादूगर - जादूगरिन 

श्रीमान - श्रीमतं 

वर - बहू

स्त्री- पुरुष 

नायक - नायिका

माली - मालिन 



प्रश्न 4. निम्नांकित शब्दों के लिंग निर्धारित करो

रुकावट, हँसी, शरबत, वाणी, भीड़, तिरस्कार, निशाना, झील

उत्तर : रुकावट - स्त्रीलिंग

हँसी - स्त्रीलिंग। 

शरबत - स्त्रीलिंग।

वाणी - स्त्रीलिंग |

भीड़ - स्त्रीलिंग |

तिरस्कार - स्त्रीलिंग।

निशाना - स्त्रीलिंग

झील - स्त्रीलिंग ।



प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन करो

खिलौना, आँख, दुकान, छाञ, साधु, कहानी

उत्तर : एकवचन    बहुवचन 

खिलौना     खिलौने 

आँख -       आँखे

दुकान        दुकाने 

छाञ -       छात्राएं

साधु -       साधुएँ

कहानी -     कहानियाँ

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